CKS World News

70 घंटे वाले बयान के बाद अब नारायण मूर्ति बोले- कुछ भी मुफ्त में नहीं मिलना चाहिए, मैं भी गरीब घर का था ।

70 घंटे वाले बयान के बाद अब नारायण मूर्ति बोले- कुछ भी मुफ्त में नहीं मिलना चाहिए, मैं भी गरीब घर का था ।

नारायण मूर्ति की टिप्पणी ज़ेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ के साथ बुधवार को बेंगलुरु टेक समिट में अगले 5-10 वर्षों में बेंगलुरु के विकास की आवश्यकताओं पर चर्चा के दौरान आई।

Narayan Murthy

https://en.m.wikipedia.org/wiki/N._R._Narayana_Murthy

इंफोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति ने हाल ही में कहा था कि सरकार को बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को प्राथमिकता पर पूरा करने की जरूरत है और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उद्योग को एक के बजाय तीन शिफ्ट में काम करना चाहिए।

मूर्ति की टिप्पणी बुधवार को बेंगलुरु टेक समिट में ज़ेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ के साथ बातचीत के दौरान आई, जब उन्होंने अगले 5-10 वर्षों में बेंगलुरु के विकास की आवश्यकताओं पर चर्चा की।

तेजी से बुनियादी ढांचे के विकास के अलावा, उन्होंने शहर की प्रगति के लिए अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों और त्वरित सरकारी निर्णय लेने के महत्व पर भी प्रकाश डाला।

नारायण मूर्ति का संक्षिप्त जीवन परिचय 

नागवार रामाराव नारायणमूर्ति (जन्म: २० अगस्त १९४६) भारत की प्रसिद्ध सॉफ़्टवेयर कंपनी इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज के संस्थापक और जानेमाने उद्योगपति हैं। उनका जन्म मैसूर में हुआ।

आई आई टी में पढ़ने के लिए वे मैसूर से बैंगलौर आए, जहाँ १९६७ में इन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ इन्जीनियरिंग की उपाधि और १९६९ में आई आई टी कानपुर से मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी (M.Tech) की उपाधि प्राप्त की।

नारायणमूर्ति आर्थिक स्थिति सुदृढ़ न होने के कारण इंजीनियरिंग की पढ़ाई का खर्च उठाने में असमर्थ थे। उनके उन दिनों के सबसे प्रिय शिक्षक मैसूर विश्वविद्यालय के डॉ॰ कृष्णमूर्ति ने नारायण मूर्ति की प्रतिभा को पहचान कर उनको हर तरह से मदद की। बाद में आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो जाने पर नारायणमूर्ति ने डॉ॰ कृष्णमूर्ति के नाम पर एक छात्रवृत्ति प्रारंभ कर के इस कर्ज़ को चुकाया।

Exit mobile version