Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti 2024

छत्रपति शिवाजी जयंती 2024: इतिहास, महत्व, छुट्टी के बारे में सब कुछ जानेंChhatrapati shivaji maharaj

छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती या शिवाजी जयंती मराठा साम्राज्य के संस्थापक शिवाजी की जयंती है जो पूरे महाराष्ट्र में मनाई जाती है और एक सार्वजनिक अवकाश है।

ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती जिसे शिव जयंती भी कहा जाता है, हर साल 19 फरवरी को मनाई जाती है, जबकि हिंदू तिथि के अनुसार, तारीख हर साल बदलती रहती है। इस वर्ष भारत महान मराठा शासक की 394वीं जयंती मना रहा है।Chhatrapati shivaji maharaj

Devendra Fadnavis

Shivaji maharaj

संक्षिप्त जीवनी

शिवाजी का जन्म 19 फरवरी, 1630 को शिवनेरी दुर्ग में हुआ था। उनके पिता शहाजीराजे भोंसले एक शक्तिशाली सामंत राजा एवं कूर्मि कुल में जन्मे थे। उनकी माता जिजाबाई जाधवराव कुल में उत्पन्न असाधारण प्रतिभाशाली महिला थी। शिवाजी के बड़े भाई का नाम सम्भाजीराजे था जो अधिकतर समय अपने पिता शहाजीराजे भोसले के साथ ही रहते थे। शहाजीराजे कि दूसरी पत्नी तुकाबाई मोहिते थीं। उनसे एक पुत्र हुआ जिसका नाम व्यंकोजीराजे था। शिवाजी महाराज के चरित्र पर माता-पिता का बहुत प्रभाव पड़ा। उनका बचपन उनकी माता के मार्गदर्शन में बीता। उन्होंने राजनीति एवं युद्ध की शिक्षा ली थी। वे उस युग के वातावरण और घटनाओं को भली प्रकार समझने लगे थे। उनके हृदय में स्वाधीनता की लौ प्रज्ज्वलित हो गयी थी। उन्होंने कुछ स्वामिभक्त साथियों का संगठन किया। शिवाजी की माता जीजाबाई बड़ी ही धार्मिक प्रवृत्ति की थी। उनका इनके जीवन पर अत्यधिक अच्छा प्रभाव पड़ा।

छत्रपति शिवाजीराजे भोसले (1630-1680 ई.) भारत के एक महान राजा एवं रणनीतिकार थे जिन्होंने 1674 ई. में पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी। इसके लिए उन्होंने मुगल साम्राज्य के शासक औरंगज़ेब से संघर्ष किया। सन् 1674 में रायगढ़ में उनका राज्याभिषेक हुआ और वह “छत्रपति” बने। तत्वदर्शी संत मिला होता तो शिवाजीराजे मोक्ष का मार्ग चुनते|

इतिहास

शिवाजी महाराज का नाम शिवाजी भोसले था और वह भोंसले मराठा वंश के सदस्य थे। उनका जन्म 1630 में हिंदू कैलेंडर फाल्गुन के कृष्ण पक्ष 3 के अनुसार मराठी शालिवाहन में शिवनेरी किले में हुआ था। उन्हें सबसे महान मराठा शासकों में से एक माना जाता है, जिन्होंने बीजापुर के आदिलशाही सल्तनत से एक क्षेत्र बनाया, जिसने मराठा साम्राज्य की शुरुआत को चिह्नित किया। .

ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार, 16 साल की उम्र में शिवाजी महाराज ने तोरणा किले पर कब्ज़ा कर लिया था, जबकि एक साल बाद रायगढ़ और कोंडाना किलों पर कब्ज़ा कर लिया गया था। उन्हें हिंदवी स्वराज्य की पुनः स्थापना करने के लिए भी जाना जाता है।

महत्व

इस त्योहार को सबसे पहले मनाने की शुरुआत मराठा शासक महात्मा फुले के साथ 1870 में पुणे में हुई थी। इन समारोहों को बाल गंगाधर तिलक ने आगे बढ़ाया। इस स्वतंत्रता सेनानी ने शिवाजी महाराज के योगदान को सुर्खियों में लाया और उनकी छवि को उजागर करके लोगों को प्रभावित किया।

समारोह

शिवाजी जयंती एक महाराष्ट्रीयन त्योहार है जिसे पूरे राज्य में बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। शिवाजी महाराज को उनकी वीरता और वीरता के लिए याद किया जाता है, इस दिन लोग देश के लिए लड़ने के लिए उनका सम्मान करते हैं। इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों और नाटकों के माध्यम से मराठों की सांस्कृतिक विरासत को उजागर किया जाता है।

बैंक अवकाश

19 फरवरी को छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती समारोह को देखते हुए पूरे महाराष्ट्र में बैंक बंद रहेंगे। अन्य सभी राज्यों में बैंक सोमवार को सामान्य कार्य दिवस के अनुसार कार्य करेंगे।

बीएमसी ने मनाई शिव जयंती

महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस ने शिवाजी पार्क मुंबई के पास क्रीड़ा भवन में बृहन् मुंबई महानगरपालिका द्वारा आयोजित शिव जयंती समारोह में भाग लिया।

बीएमसी के संगीत विभाग द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन और कार्यों पर देशभक्ति गीतों से युक्त एक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।

राज्यपाल ने दो लाख रुपये पुरस्कार की घोषणा की। इस अवसर पर बीएमसी के संगीत विभाग को 25000 रु।

प्रशासक डॉ. आईएस चहल, अतिरिक्त नगर आयुक्त डॉ. अश्विनी जोशी उपस्थित थे।

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